इन्सान कभी तो दुसरो को गम देने मे खुद की खुशी तलाश करना चाहता है, उसके इसी फितरतसे लिखी हुई यह कविता आपके लिए पेश कर रहा हु.... तेरा दर्द ओरोकी खुशी....
तेरा दर्द ओरोकी खुशी*
हो जा रुबरु इस दुनियासे,
तेरा दर्द ओरोकी खुशी,
तेरी जीत ओरो की हार,
दुनिया बन चली मतलबी,
होसला ना तुटे तेरा
तु ही है यहा तेरा दम,
विफलता बुने हर कोई
लढना तुझे अंत हरदम,
तोड चल हर रुखावटे,
रास्ते तु तेरे यहा चल,
बना जीत की मिसाल,
खो न जाए समय पलपल,
काटो से खिलना तुझे है ,
कीचड मे भी सजना है,
जीत का ताज तेरा हो,
साबीत कर खुद को जाना है
✒️ प्रकाशसिंग राजपूत ✒️
औरंगाबाद
📲 9960878457
तेरा दर्द ओरोकी खुशी....,